बाड़मेर पत्रिका. सांप के साथ बीन बजा कर प्रदर्शन करने वाले कालबेलियां परिवार के लोगों ने सोमवार को जिला कलक्टर बाड़मेर पर अनोखा प्रदर्शन किया। उन्होंने सिर पर छत देने की मांग को लेकर बीन बजाई। इस दौरान कौतुहल वश लोग एकत्र हुए तो माजरा पता चला जिसके बाद लोगों में दिनभर चर्चा रही।
यह भी पढ़ें: आड़े आ रहा मातृभाषा का ज्ञान, थोक की भर्ती में प्रदेश के युवा अयोग्य
दरअसर जिले के समदड़ी के बामसीन के कालबेलिया समाज के 51 परिवारों को पीएम आवास स्वीकृत होने के बाद जमीन नहीं होने की समस्या लेकर लोग कलक्टर के पास पहुंचे। बीन बजाकर जमीन आवंटन की मांग की। ज्ञापन में बताया कि समाज के लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित है और अपना गुजारा बीन बजाकर करते है। बामसीन में वर्तमान में करीब डेढ़ सौ परिवार गोचर भूमि पर रहने को मजबूर है। पीएम आवास तो स्वीकृत हो गया, लेकिन भूमिहीन होने के कारण आवास कैसे बनाएं। इसलिए कलक्टर के सामने अपनी कला का प्रदर्शन करते हुए जमीन आवंटन की मांग की। कलक्टर ने आश्वासन दिया कि समस्या का समाधान शीघ्र किया जाएगा।
इधर, कर्मचारियों ने धरना देकर किया प्रदर्शन- कलक्टर ने उपस्थिति रजिस्टर मंगवाकर जहां कलेक्ट्रेट के कर्मचारियों को आंख दिखाने की कोशिश की तो कर्मचारियों ने उल्टे कलक्टर की इस कार्यवाही का विरोध दर्ज करवाते हुए काम रोक दिया। सोमवार सुबह हुए इस घटनाक्रम से कलेक्ट्रेट में गहमागहमी का माहौल हो गया। काफी देर बाद मामला सुलझा।
यह भी पढ़ें: स्काउट गाइड जम्बूरी में बाड़मेर रखेगा अपनी अलग पहचान कायम
हुआ यों कि कलक्टर लोकबंधु यादव ने सुबह ड्यूटी समय जांच करने के लिए हाजिरी रजिस्टर मंगवाकर अपने पास रख लिए। कर्मचारियों को इसका पता चलते ही वे एकत्रित हो गए और अतिरिक्त जिला कलक्टर के सामने ऐतराज जता दिया कि यह ठीक नहीं है। अतिरिक्त जिला कलक्टर ने इस मामले में कर्मचारियों का पक्ष रखा लेकिन जिला कलक्टर ने एक्शन लेने की बात कही। इस पर कर्मचारी कलेक्ट्रेट में गेट पर आ गए और बाहर धरने पर बैठ गए। यकायक कर्मचारियों के कलेक्ट्रेट के सामने हुए इस प्रदर्शन ने होचपोच की स्थिति ला दी। इसके बाद कर्मचारियों और कलक्टर के बीच में वार्ता का दौर चला। कर्मचारियों का तर्क था कि वे शनिवार-रविवार को भी काम करते है। जब भी अधिकारियों का आदेश होता है ओवरटाइम भी करते है। यदि किसी दिन कर्मचारी थोड़ा लेट हो जाए तो अधिकारी भी इस बात को समझे। दोनों ओर से तर्क वितर्क का दौर चलने के बाद मामला शांत हुआ और कर्मचारी काम पर लौटे।
source https://www.patrika.com/barmer-news/the-bean-was-not-made-for-a-snake-but-for-a-shelter-7881072/
Comments
Post a Comment
Please do not enter any spam link in the comment box.