
दिलीप दवे बाड़मेर. मात्र एक आदेश के इंतजार में प्रदेश की 1264 ग्राम पंचायतों में पीईईओ व्यवस्था अटकी हुई है। सरकार ने इन ग्राम पंचायतों में करोड़ों के विकास कार्य तो करवा लिए लेकिन एक आदेश करने में इतना वक्त लग गया जिससे पीईईओ का अधिकार नई ग्राम पंचायतों के बड़े स्कूल के संस्था प्रधान को नहीं मिला है। जिस पर प्रशासनिक, वित्तीय व राजकीय कार्य को लेकर पुरानी ग्राम पंचायतों के चक्कर लगाना नई ग्राम पंचायतों के संस्था प्रधानों की मजबूरी बन गई है।नई ग्राम पंचायतों ने विकास की गति भले ही पकड़ ली लेकिन शिक्षा विभाग में अभी भी मंथर गति ही है, क्योंकि तीन साल बाद भी शिक्षा विभाग पीईईओ के आदेश नहीं दे पाया है। शिक्षा विभाग में प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य को पदेन पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी (पीईईओ) की जिम्मेदारी दी हुई है जिसके तहत पंचायत क्षेत्र के अधीन संचालित प्रारंभिक शिक्षा के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों की देखरेख व समस्त जिम्मेदारी पीईईओ की होती है। जिसमें पीईईओ इन विद्यालयों के समस्त कार्मिकों का वेतन आहरण, सेवाभिलेख का रखरखाव, अवकाश प्रकरण सहित विद्यालय अवलोकन, निरीक्षण, एमडीएम, पाठ्यपुस्तकों व अन्य सभी प्रकार की डाक व सूचनाएं आदि कार्य करता है। खास बात यह है कि ग्रामीण विकास व पंचायतीराज सहित सभी विभागों में नए पुनर्गठन के हिसाब से बजट व अन्य सभी गतिविधियों हो रही है लेकिन शिक्षा विभाग पुराने ढर्रे से ही पीईईओ व्यवस्था किए हुए हैं। इस पर 1264 पीईईओ दो-दो ग्राम पंचायत क्षेत्र की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। बाड़मेर जिले में कुल 689 ग्राम पंचायतें है लेकिन शिक्षा विभाग में अभी भी 489 पीईईओ है जबकि प्रदेश में 11152 ग्राम पंचायतें हैं जबकि पीईईओ 9888 ही है।
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बेहतरनी पर्यवेक्षक नहीं हो पाता - पंचायत पुनर्गठन के बाद नई पंचायतों के हिसाब से पीईईओ की व्यवस्था नहीं होने के कारण एक ग्राम पंचायत से अलग होकर के नई बनी ग्राम पंचायतों की जिम्मेदारी निभाने के कारण पीईईओ के पास कार्यभार बढ़ जाता है। जिसके चलते बेहतरीन पर्यवेक्षण नहीं हो पाता है।कम होगा कार्यभार तो बेहतरीन होगी व्यवस्था - शिक्षा विभाग में नई ग्राम पंचायतों के हिसाब से पीईईओ की व्यवस्था भी अतिशीघ्र शुरू की जाए जिससे कार्यभार कम होने के कारण बेहतरीन संचालन हो पाएगा। वहीं एक से अधिक ग्राम पंचायतों की देखरेख कर रहे पीईईओ को भी इससे निजात मिल पाएगी। - बसंत कुमार जाणी, जिलाध्यक्ष, राजस्थान वरिष्ठ शिक्षक संघ, रेस्टा बाड़मेर
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उच्च स्तर का मामला- पीईईओ व्यवस्था उच्च स्तर का मामला है। हम वर्तमान में जो िस्थति है उसके अनुरूप बेहतर व्यवस्था का प्रयास कर रहे हैं। नई ग्राम पंचायतों में पीईईओ व्यवस्था अब तक नहीं है।- राजन शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक बाड़मेरपीईईओ की स्थिति
ग्राम पंचायत बाड़मेर में प्रदेश मेंपुनर्गठन से पूर्व
489 9888
नई बनी 200 1264
अब कुल 689 11152
प्रदेश के जिलों में बनी नई ग्राम पंचायतें
अजमेर 28 अलवर 66
बांसवाड़ा 74 बारां 10
बाड़मेर 200 भरतपुर 30
भीलवाड़ा 13 बीकानेर 62
बूंदी 01 चित्तौडगढ़ 09
चूरू 42धौलपुर 18
दौसा 38डूंगरपुर 62
गंगानगर 04हनुमानगढ़ 18
जयपुर 53,जैसलमेर 29
झालावाड़ 02जालौर 30
झुंझुनूं 14जोधपुर 161
करौली 14कोटा 03
नागौर 24पाली 20
प्रतापगढ़ 63राजसमंद 07
सवाई माधो. 28सीकर 30
सिरोही 07टोंक 06
उदयपुर 101कुल 1264
source https://www.patrika.com/barmer-news/it-took-three-years-to-place-an-order-1294-peeo-upset-7829567/
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