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राजस्थान में सरकारी स्कूलों से हो रहा मोह भंग

दिलीप दवे बाड़मेर. नारों, रैलियों,घर-घर सम्पर्क ,अभिभावक सम्मेलन और तमाम कोशिशों के बावजूद इस बार सरकारी विद्यालय बच्चों को अपने से नहीं जोड़ पाए। राज्य सरकार ने लक्ष्य तो दस फीसदी बढ़ोतरी का दिया था, लेकिन इसके उलट करीब पांच लाख बच्चों का नामांकन कम हो गया। ऐसे में नवाचार, अंग्रेजी मीडियम स्कूल खोलने व हजारों स्कूल क्रमोन्नत करने के बावजूद सरकारी दावे हवा हो गए। इस बार नामांकन बढ़ने के बजाय करीब पांच लाख कम हो गया। इस तरह हर साल दस फीसदी नामांकन वृद्धि का लक्ष्य होता है, लेकिन इस बार उल्टा ही हो गया।

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पिछले सत्र में एक करोड़ का आंकड़ा छुआ
पिछले शिक्षा सत्र 2021-22 में प्रदेश के सरकारी विद्यालयों ने एक करोड़ का आंकड़ा छुआ था। ऐसे में उम्मीद थी कि इस बार एक करोड़ दस लाख बच्चे सरकारी विद्यालयों में पढ़ेंगे, लेकिन उल्टे पांच लाख से ज्यादा नामांकन कम हो गया। वर्तमान में सरकारी विद्यालयों का नामांकन 9430422 है। ऐसे में इस सत्र में 5 फीसदी नामांकन कम हुआ है। खास बात यह है कि पिछले चार-पांच सत्र से सरकारी विद्यालयों का नामांकन लगातार बढ़ रहा था।

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कक्षा सत्र 2021-22 2022-23

प्रथम 831330 677822

द्वितीय 823451 895641

तृतीय 942574 808335

चतुर्थ 948187 909882

पांचवीं 929234 918489

छठी 929234 821474

सातवीं 883896 842845

आठवीं 812305 860941

नवीं 768086 799614

दसवीं 715900 673844

ग्यारहवी 795679 569443

बारहवीं 578072 652102

कुल 9896171 9430422
पद रिक्तता के कारण कम हो रहा है नामांकन

पद रिक्तता की समस्या दूर करने के लिए दो वर्षों से बकाया चल रही विभागीय पदोन्नति अतिशीघ्र शुरू की जाए। साथ ही प्रक्रियाधीन सीधी भर्ती पूरी होने तक गेस्ट फैकल्टी योजना शुरू की जाए।

बसंतकुमार जाणी, जिलाध्यक्ष, राजस्थान वरिष्ठ शिक्षक संघ, रेस्टा।



source https://www.patrika.com/barmer-news/disillusionment-with-government-schools-in-rajasthan-7782488/

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