
बाड़मेर . रावतसर ग्राम पंचायत की हीरों मेघवाल का तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा में अंतिम चयन होने पर ग्रामीणों ने उनका स्वागत किया। दुनिया देखने से पहले ही अपने पिता और जन्म के थोड़े समय बाद ही मां के बिछुड़ जाने के बावजूद अपने दादा-दादी और चाचा के सहारे पली बढ़ी हीरों तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में चयनित होकर एक मिसाल बन चुकी है। हीरों ने विपरीत परिस्थितियों का सामना करते हुए एससी वर्ग में 134 नंबर के साथ पूरे राज्य में 2817वीं रैंक हासिल कर समाज व क्षेत्र का नाम रोशन किया। हीरों इससे पहले पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में भी सलेक्ट हो चुकी है।
पढाई के साथ पशु चराए व चुल्हा-चौका किया : हीरों ने बताया कि उसने पढ़ाई के साथ-साथ पशु चराने व दादा-दादी के साथ खेती का काम किया। साथ ही घर पर चूल्हा-चौका तो उसकी दिनचर्या का हिस्सा था। हीरों आसपास की चार ग्राम पंचायत में से मेघवाल समाज की पहली महिला शिक्षक बनी है। इसमें डूडियों की ढाणी, रावतसर, रामसर कुआं, बेरीवाला तला शामिल है।
विभिन्न संगठनों ने किया सम्मान : जन्म होते ही माता-पिता को खोने के बाद दादा के प्रयासों से तृतीय श्रेणी अध्यापक बनने वाली हीरों का गुरुवार को विभिन्न संगठनों व पदाधिकारियों के घर जाकर अभिनंदन किया।
युवा नेता डालू जाखड़ ने बताया कि समाजसेवी भोपाराम सारण, कांग्रेस वरिष्ठ नेता लच्छाराम मेघवाल, चेतनराम, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी सदस्य देदाराम मेघवाल, शिक्षक रमेश सारण, ठाकराराम सारण, डालू जाखड़, डूडियों की ढाणी के बाबूलाल मेघवाल सहित अन्य ग्रामीण मौजूद रहे। इसके अलावा भाजपा किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष रणवीर ङ्क्षसह भादू, लक्ष्मण टाक ने भी हीरों का सम्मान किया।
source https://www.patrika.com/barmer-news/diamonds-became-an-example-in-the-face-of-adversity-7487141/
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