शिव बाड़मेर. क्षेत्र में पिछले एक सप्ताह से सूर्यदेव ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया, ऐसे में मनरेगा में काम कर रहे मजदूरों की मुश्किलें बढ़ गई। पहले तो मशक्कत से रोजगार मिला, अब भीषण गर्मी में श्रमिकों का काम करना मुश्किल हो गया। उपखंड की 38 ग्राम पंचायतों में अभी 409 कार्यों पर तकरीबन 3400 श्रमिक महात्मा गांधी नरेगा में काम कर रहे। ।
वहीं जिले में पारा 44-45 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया, ऐसे में अब श्रमिकों के लिए दोपहरी के वक्त काम करना मुश्किल हो गया।श्रमिक भी मनरेगा का समय घटाने की मांग कर रहे। श्रमिकों के भीषण गर्मी में अब काम करना मुश्किल हो गया। तापमान में लगातार वृद्धि होने के साथ ही झुलसाने वाली लू के थपेड़ों में जहां कूलर भी जवाब दे रहे हो, वैसी भीषण गर्मी के बीच मनरेगा योजना के कार्यों में श्रमिकों को मिट्टी खुदाई या अन्य प्रकार के काम कर रहे हैं। काम करते हुए कुछ देर के लिए विश्राम करना भी हो तो आसपास किसी पेड़ की छांव तलाशनी पड़ती है। श्रमिक का कहना है कि पेट पालने की मजबूरी के चलते तेज गर्मी में कार्य करना पड़ रहा है।
गर्मियों में होता है समय कम-जैसे ही तेज धूप के साथ गर्मी शुरू हो जाती है उस समय विभाग द्वारा मनरेगा योजना के लिए नियोजित श्रमिकों का समय कम करने का आदेश जारी किया जाता है ।वर्तमान में समय 9 से 5 बजे का है। अभी तक विभाग द्वारा ग्रीष्म ऋतु के मध्य नजर समय कम करने का आदेश जारी नहीं हुआ है आदेश जारी होने के बाद यह समय प्रातः 6 बजे से शुरुआती दौर में 1 बजे तक वही तेज गर्मी के मद्देनजर 12 व 11 बजे तक का हो जाता है। साथ
ही द्वारा ग्रुप में दिए गए कार्य को पूर्ण करने के बाद भी श्रमिक घर जा सकते हैं।
'वर्तमान में मनरेगा श्रमिकों का समय पूर्व की भांति ही चल रहा है। विभाग द्वारा ग्रीष्म ऋतु के मद्देनजर समय बदलाव का आदेश जारी किया जाता है आदेश प्राप्त होते ही श्रमिकों का समय बदल जाएगा।' ताराचंद कार्यवाहक सहायक अभियंता,पंस. शिव
source https://www.patrika.com/barmer-news/the-scorching-sun-is-heavy-on-the-employment-of-mnrega-workers-7460379/
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