बाड़मेर. गाड़ी चला कर परिवार की गुजारा करने वाले रावतसर निवासी जगदीशगिरी की खुशियों को एक हादसे ने एेसा लील लिया कि अब चारपाई पकड़ ली। करीब आठ साल पहले पेड़ से गिरने पर रीढ़ की हड्डी टूट तो जिंदगी की बदल गई।
अहमदाबाद, जोधपुर और बाड़मेर में इलाज के बाद भी बीमारी लाइलाज होने से उसने चारपाई पकड़ ली। इसके बाद परिवार का पेट पालना मुश्किल हो रहा है। जरूरत है तो मददगारों की जो उसके परिवार के पालन-पोषण में सहायता कर सके। ग्राम पंचायत रावतसर निवासी पैंतीस वर्षीय जगदीशगिरी पुत्र भवरगिरी पिछले आठ सालों से चारपाई पर जिंदगी जी रहा है। दरअसल जगदीशगिरी आठ साल पूर्व खेजड़ी पर चढक़र बकरियों के लिए लूंक (हरा चारा) काट रहा था, उसी दौरान उसका पैर फिसलने से नीचे गिरा जिससे रीढ़ की हड्डी टूट गई।
उसके बाद उसके परिजन उसके अहमदाबाद, जोधपुर, बाड़मेर सहित कई जगह इलाज के लिए ले गए, जहां ढाई-तीन लाख रुपए खर्च हुए लेकिन चिकित्सकों नेे कहा दिया कि अब जगदीश चल-फिर नहीं पाएगा। उसके बाद से वह चारपाई पर जिंदगी जी रहा है।
माता-पिता अलग रह रहे जगदीश के परिवार में पत्नी व चार बच्चे हैं जिनके लिए दो वक्त की रोटी का प्रबंध मुश्किल हो रहा है। लोगों व परिवार के सहयोग से अब तक परिवार का पेट पाल रहा है।
गायक कलाकार, मिले प्रोत्साहन तो हो फायदा- जगदीश एक भजन कलाकार है। जो बैठे-बैठे भजन गा सकता है। उसने बताया कि लोग उसे भजन संध्या में बुला कर मदद करे तो वह वाहन लेकर जा सकता है। इससे उसकी आवीजिका भी शुरू हो जाएगी। उसने बताया कि प्रशासन, भामाशाह, स्वयंसेवी संस्थाओं के मार्फत उसको बैठे-बैठे कार्य करने को मिल जाए तो भी परिवार का गुजर बसर हो सकता है। जगदीश के अनुसार बैंक अकाउंट नंबर 9929852096, खाता नंबर 12350100011234 पर मदद कर सकता है।
मदद की दरकार- जगदीशगिरी की आर्थिक स्थिति खराब है। परिवार का पेट पालना मुश्किल है। एेसे में उसको मदद की दरकार है।- डालूराम, ग्रामीण रावतसर
source https://www.patrika.com/barmer-news/accident-gave-the-pain-of-life-incurable-disease-made-you-helpless-7173370/
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