समदड़ी पत्रिका. लूनी नदी में बह रहे प्रदूषित पानी की जांच को लेकर राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल पाली की टीम ने नदी का जायजा लिया। नदी में बह रहे काले पानी को देखा व अलग अलग जगहों से पानी के नमूने एकत्रित किए। किसानों व सरपंच संघ से इस पानी से होने वाले नुकसान को लेकर चर्चा भी की। ज्ञात रहे कि दो दिन पूर्व क्षेत्र के किसानों सहित सरपंच संघ ने पाली जिला कलक्टर सहित प्रदूषण नियंत्रण मण्डल के अधिकारियों से मिलकर पाली की औद्योगिक इकाइयों का प्रदूषित पानी लूनी नदी में आने की जानकारी से अवगत कराते हुए इस पर जनहित में रोक की मांग की थी।
इसके बाद राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल पाली के कनिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी कैलाशदान, कनिष्ठ पर्यावरण अभियंता ग्यासुदीन मंसूरी व वेदांश सोलंकी ने धुंधाड़ा से लेकर अजीत तक लूनी नदी में बह रहे प्रदूषित पानी को देखा और अलग-अलग स्थानों से इस पानी के सैम्पल एकत्रित किए। नदी तट पर जलदाय विभाग के कुओं से भी पानी का सैम्पल लिया। समस्याएं भी सुनी- इस टीम ने रामपुरा, पातों का बाड़ा, अजीत, भलरों का बाड़ा गांव के किसानों व जनप्रतिनिधियों से इस प्रदूषित पानी व इससे होने वाले नुकसान के बारे में जानकारी ली।
सरपंच संघ के जिला उपाध्यक्ष गोपाराम पटेल, पूर्व सरपंच रामचंद्र चौधरी, पूर्व उपसरपंच मांगीलाल रामपुरा सहित किसान कानाराम, सालगराम, आशाराम, मगाराम, मांगीलाल आदि ने टीम को समस्याओं व नुकसान के बारे में अवगत करवाया । निस.किसानों व जनप्रतिनिधियों की मांग पर लूनी नदी में अलग-अलग जगहों से प्रदूषित पानी के सैम्पल एकत्रित कर किसानों के सामने ही सीलबन्द किया गया। इसे जांच के लिए भेजा जाएगा - कैलाशदान चारण कनिष्ठ वैज्ञानिक
source https://www.patrika.com/barmer-news/now-know-how-much-pollution-will-be-there-in-luni-river-know-how-7077214/
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