
बाड़मेर. एक तरफ जहां आठवीं कक्षा के बाद जिले में बालिकाओं की पढ़ाई छूट रही है तो दूसरी ओर सरकार ने महात्मागांधी स्कू ल संचालन के कारण चार बालिका विद्यालयों को बंद कर दिया।
एेसे में कई बालिकाओं की पढ़ाई बीच राह की रुक गई। स्थिति यह है कि इन विद्यालय में अध्ययनरत बालिकाओं में से कई ने पढ़ाई से दूरी बना ली। एेसे में बालिकाओं का नामांकन घट गया।
बालिका शिक्षा को लेकर पिछड़ रहे जिले में महात्मागांधी अंग्रेजी माध्यम स्कू ल खोलने की मार भी बालिकाओं को सहनी पड़ी। जिले में खुले अंग्रेजी माध्यम स्कू लों में से रामसर, शिव, सिणधरी व गुड़ामालानी के स्कू ल बालिका विद्यालयों में संचालित किए जा रहे हैं। इसके चलते इन विद्यालयों को बंद करना पड़ा जिसका असर बालिकाओं की शिक्षा पर पड़ा। करीब एक हजार बालिकाएं इन बालिका विद्यालयों में अध्ययनरत थी।
इनमें से छठीं से आठवीं की बालिकाओं में से कुछ ने तो अंग्रेजी माध्यम चुन लिया लेकिन बड़ी कक्षाओं की छात्राओं के लिए अंग्रेजी माध्यम कठिन होने व विकल्प नहीं होने पर टीसी लेनी पड़ी। जिन बालिकाओं ने टीसी ली उनमें से कई ने स्कू ल छोड़ दिया जिस पर बालिकाआें के नामांकन पर इसका सीधा प्रभाव पड़ा।
करती रही मांग, नहीं हुई सुनवाई- बालिका विद्यालय बंद होने की पीड़ा पर गुड़ामालानी, शिव, रामसर व सिणधरी में बालिकाएं प्रशासन, शिक्षा विभाग व जनप्रतिनिधियों से मांग करती रही लेकिन सुनवाई नहीं हुई। इस पर उन्होंने टीसी लेना ही उचित समझा। अब भी परेशानी- बालिकाओं की पढ़ाई छूटने के साथ अब भी बालिकाओं को दिक्कत आ रही है।
अंग्रेजी माध्यम स्कू ल में शिक्षण उनके लिए कठिन हो रहा है। गांव में बालिका विद्यालय बंद हो गया तो वैकल्पिक व्यवस्था सहशिक्षा के स्कू ल है जहां अभिभावक भेजने में झिझक रहे हैं। इस पर स्वयंपाठी पढऩा या फिर बाड़मेर-बालोतरा जैसे बड़े शहरों की ओर रुख करना ही विकल्प बचा है।
जरूरी है बालिका शिक्षा को बढावा देना- बालिका शिक्षा को बढ़ावा देना जरूरी है। इसके लिए सबसे अच्छा विकल्प बालिका विद्यलय ही है लेकिन जिले में बालिका विद्यालयों पर ही काज गिर गई जिससे बालिकाओं की पढ़ाई छूट गई। सरकार चाहे तो दो पारियों में स्कू ल चला कर बालिका शिक्षा को बढ़ावा दे सकती है।- बसंतकुमार जाणी, जिलाध्यक्ष राजस्थान वरिष्ठ शिक्षक संघ रेस्टा
चार जगह बालिका स्कू लों में अंग्रेजी माध्यम विद्यालय-जिले के रामसर, शिव, सिणधरी व गुड़ामालानी में बालिका विद्यालयों में महात्मागांधी अंग्रेजी माध्यम स्कू ल शुरू किए गए हैं।- जेतमालसिंह राठौड़, एडीईओ माध्यमिक बाड़मेर
source https://www.patrika.com/barmer-news/the-bags-were-already-being-removed-from-the-shoulders-now-the-way-of-7026075/
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