Skip to main content

चौखट तक पहुंची किताबें शिक्षकों पर बनी बोझ

बाड़मेर. लम्बे इंतजार के बाद आखिरकार निशुल्क पाठ्यपुस्तकें चौखट ( सीबीईओ कार्यालय ) तक तो पहुंच गई है लेकिन शिक्षकों के लिए ये बोझ बन गई हैं। क्योंकि इन किताबों को अब पीईईओ मुख्यालय तक ले जाने के लिए खुद को जद्दोजहद करनी पड़ रही है।

इस बार पीईईओ मुख्यालय तक पुस्तकें पहुंचाने के लिए वाहन उपलब्ध नहीं होने पर शिक्षक अपने स्तर पर पुस्तकें ले जात हैं। जानकारी के अनुसार दो बार टेंडर प्रक्रिया होने के बावजूद वाहन किराया की दर ज्यादा होने से टेंडर स्वीकृत नहीं हुए हैं।

गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका ने 18 जुलाई के अंक में टाबर पूछे माड़साहब म्हाने किताबां कद मिळसी शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर निशुल्क पाठ्यपुस्तकें वितरित को लेकर समस्या को उजागर किया था जिसके बाद विभागीय ने पुस्तकें वितरित करने का निर्णय किया

प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को कक्षा पहली से बारहवीं तक निशुल्क पाठ्यपुस्तकों का वितरण किया जाता है। अमूमन सत्र शुरू होने से पहले ही पुस्तकें पीईईओ मुख्यालय के मार्फत स्कू  लों में पहुंच जाती है, लेकिन इस बार सत्र शुरू होने के बाद भी पुस्तकों को वितरण नहीं हो रहा था।

इधर, स्माईल-३ और आओ घर से सीखे कार्यक्रम के तहत पढ़ाई आरम्भ हो चुकी थी। एेसे में किताबों की मांग की जा रही थी। अब निशुल्क पाठ्यपुस्तकें सीबीईओ मुख्यालय तक पहुंच चुकी है, लेकिन पीईईओ मुख्यालय तक पहुंचाने के लिए वाहन की व्यवस्था नहीं हो पाई है। इस पर पीईईओ अपने स्टाफ के साथ मिलकर अपने स्तर पर पुस्तकें लेकर जा रहे हैं।

स्कू  ल, तीस लाख पुस्तकें- जिले में माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक के तहत करीब ६९६ स्कू  ल हैं जबकि प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, शिक्षाकर्मी विद्यालय ४०९८ है।

इन विद्यालयों में तीस लाख पन्द्रह हजार आठ सौ निन्यानवें पुस्तकें वितरित होंगी। गौरतलब है कि इस बार दसवीं व बारहवीं को कोर्स परिवर्तित हुआ है इसलिए नई किताबें मिलेंगी जबकि बाकी कक्षाओं में नई और पुरानी किताबें मिलाकर दी जाएगी। जिले में सरकारी विद्यालयों में करीब ५ लाख ७१ हजार विद्यार्थी अध्ययनरत है जिनमें से अधिकांश को किताबें मिलेंगी।

66 फीसदी पुस्तकें वितरित- इस बार टेंडर प्रक्रिया में दर ज्यादा होने से दो बार निविदा आमंत्रित करने के बावजूद टेंडर नहीं हुए हैं। शिक्षक अपने स्तर पर पुस्तकें ले जा रहें हैं, अब तक ६६ फीसदी से अधिक पुस्तकें वितरित हो गई है। हमने भुगतान को लेकर दिशा निर्देश मांगे हैं।- नरसिंगप्रसाद जांगिड़, सहायक निदेशक, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी प्राथमिक बाड़मेर



source https://www.patrika.com/barmer-news/books-reached-the-door-frame-became-a-burden-on-the-teachers-6970493/

Comments

Popular posts from this blog

भास्कर LIVE अपडेट्स:कर्नाटक सरकार में मंत्री केएस ईश्वरप्पा के खिलाफ कांग्रेस का हल्ला बोल, तिरंगे पर दिया था अपमानजनक बयान https://ift.tt/O5oIAD6

from देश | दैनिक भास्कर https://ift.tt/QV8eyOP

फ्रांसीसी गोताखोर ने डीप-डाइविंग में 7वीं बार तोड़ा विश्व रिकॉर्ड:समुद्र में 393 फीट की गहराई तक लगाया गोता, 3 मिनट 34 सेकंड में पूरी की डाइव https://ift.tt/UHiFcng

from स्पोर्ट्स | दैनिक भास्कर https://ift.tt/N65HPAU