
काेविड वैक्सीनेशन के लिए काेटा में पहले चरण में 150 बूथ स्थापित किए जाएंगे। इसके लिए 130 बूथ चिह्नित किए जा चुके हैं, 20 बूथ अगले दाे-तीन दिन में चिह्नित कर लिए जाएंगे। सीएमएचओ डाॅ. बीएस तंवर ने बताया कि इस चरण में 12 से 15 हजार हैल्थ केयर वर्कर्स को यह वैक्सीन लगाई जानी है।
इन सभी का डाटाबेस जुटाकर कोविन साॅफ्टवेयर पर दर्ज किया चुका है। एक बूथ पर साै लाेगाें का टीकाकरण हाेगा, ऐसे में अधिकतम 15 हजार लाेगाें के वैक्सीनेशन के लिए 150 बूथाें की जरूरत रहेगी। उसी हिसाब से तैयारियां चल रही है।
उधर, वैक्सीन को लेकर कोटा के जनप्रतिनिधियों की कार्यशाला बुधवार को जिला परिषद सभागार में हुई। इस कार्यशाला में एक भी विधायक नहीं पहुंचा। जबकि सभी विधायकों को बुलाया गया था। बैठक में सिर्फ कोटा दक्षिण के मेयर राजीव अग्रवाल व डिप्टी मेयर पवन मीणा शामिल हुए।
चिकित्सा विभाग के अधिकारियों ने दोनों को ही वैक्सीन से जुड़ी जरूरी जानकारियां पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से दी। असल में इस बैठक का मूल उद्देश्य यह था कि जनप्रतिनिधियों को वैक्सीन के बारे में जरूरी जानकारियां दी जाए, ताकि वे आमजन को सेंसेटाइज करें और किसी भी तरह की भ्रांतियां नहीं फैल पाए।
यह मीटिंग मंगलवार को ही प्लान हुई थी, इसके लिए सांगोद विधायक भरत सिंह, पीपल्दा विधायक रामनारायण मीणा, रामगंजमंडी विधायक मदन दिलावर, लाडपुरा विधायक कल्पना देवी, कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा व दोनों नगर निगम के मेयर व डिप्टी मेयर बुलाए थे। सिर्फ कोटा दक्षिण के मेयर-डिप्टी मेयर ही आए। जनप्रतिनिधियों के नहीं पहुंचने के चलते कार्यशाला भी देर से शुरू हो पाई। 1 बजे तक कोई जनप्रतिनिधि नहीं पहुंचा।
प्रत्येक टीकाकरण बूथ में तीन रूम हाेंगे, सबसे पहला वेटिंग रूम हाेगा
काेविड बूथ में क्या जरूरी
- प्रयास यह है कि एंट्री व एग्जिट अलग-अलग हो।
- वेंटीलेशन के लिए खिड़की वगैरह खुली रहेगी।
- वेटिंग रूम, टीकाकरण रूम व ऑब्जर्वेशन रूम अलग-अलग होंगे।
- प्रत्येक कक्ष में कोविड प्रोटोकॉल की पूरी पालना की जाएगी। {एंट्री के पास ही हाथ धोने की व्यवस्था होगी।
टीकाकरण कक्ष
- टीकाकरण कक्ष में एक समय में केवल एक ही व्यक्ति का वैक्सीनेशन करें और उसकी प्राइवेसी का पूरा ध्यान रखें।
- टीकाकरण कक्ष में 2 वैक्सीन कैरियर, दोनों वैक्सीन कैरियर में 4-4 कंडीशंड आइस पैक्स रहेंगे।
- एक वैक्सीन कैरियर में पर्याप्त मात्रा में कोविड वैक्सीन वायल होगी। यहां पर्याप्त मात्रा में एडी सीरिंज होगी।
ऑब्जर्वेशन रूम
- यहां पर्याप्त जगह होनी चाहिए, ताकि लाभार्थी 30 मिनट तक बैठ सकें।
- सीटिंग अरेंजमेंट में साेशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा जाए।
- काेविड व वैक्सीन से जुड़ी प्रचार-प्रसार सामग्री लगी हाे।
- पेयजल व टाॅयलेट की सुविधा होनी चाहिए।
वैक्सीनेशन टीम कैसी हाेगी?
वैक्सीनेशन टीम में एक सुरक्षा गार्ड, एक रिकाॅर्ड कीपर, एक वैक्सीनेटर, एक माेबिलाइजर, एक ऑब्जर्वर रहेंगे। ये साइट पर समय से पहले पहुंचेंगे और पूरे समय मास्क लगाकर रहेंगे। प्रत्येक टीके के लिए नई सीरिंज यूज की जाएगी, बायाे वेस्ट के लिए अलग से इंतजाम रहेंगे।
सभी विभाग जिम्मेदारी से इस अभियान को सफल बनाएं : कलेक्टर
कोविड-19 वैक्सीनेशन को लेकर कलेक्टर उज्ज्वल राठौड़ की अध्यक्षता में जिला शहरी टास्क फोर्स व अंतर विभागीय बैठक हुई। उन्होंने सभी विभागों से आपसी तालमेल और टीम भावना से कार्य करते हुए अभियान सफल बनाने की बात कही।
उन्होंने बिजली विभाग से टीकाकरण स्थल, स्टोरेज सेंटर पर निर्बाध रूप से बिजली सप्लाई, पुलिस से सुरक्षा व भीड़ नियंत्रण के लिए जाब्ता तैनात करने, परिवहन विभाग से टीकों के ट्रांसपोर्टेशन, महिला बाल विकास विभाग से आशाओं को मोबिलाइजर के रूप में लगाने, डाटाबेस तैयार करने के निर्देश दिए।
इसमें एडीएम सीलिंग सत्यनारायण आमेटा, एएसपी सिटी प्रवीण जैन, सीएमएचओ डॉ. बीएस तंवर, मेडिकल कॉलेज के एडिशनल प्रिंसिपल डॉ. देवेंद्र विजयवर्गीय, आरसीएचओ डॉ. देवेन्द्र झालानी सहित डल्ब्यूएचओ के डॉ. राजेश गुप्ता आिद मौजूद रहे।
सर्विलेंस सिस्टम मजबूत हो
बैठक में सीएमएचओ अधिकारियों के अलावा डिप्टी सीएमएचओ डॉ. घनश्याम मीणा व मेडिकल कॉलेज स्तर से जनरल मेडिसिन, न्यूरोलॉजी, टीबी व चेस्ट, कार्डियोजोलिस्ट, स्त्री व प्रसूति रोग, शिशु रोग अदि के विशेषज्ञ चिकित्सक मौजूद रहे। बैठक में टीके के बाद किसी भी प्रतिकूल प्रभाव या साइड इफैक्ट से निपटने और उसकी तैयारी रखने के बारे में चर्चा हुए। एईएफआई सर्विलेंस सिस्टम को मजबूत बनाने और किसी भी आपात स्थिति से निपटने पर चर्चा हुई।
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