Skip to main content

भारत ही नहीं पूरी दुनिया में गुरुद्वारे, कोई सिख कनाडा का रक्षामंत्री तो कोई न्यूजीलैंड का सांसद https://ift.tt/3o85uIE

सिख धर्म का भारतीय धर्मों में अपना एक पवित्र स्थान है।‘सिख’ शब्द की उत्पत्ति ‘शिष्य’ से हुई है, जिसका अर्थ गुरुनानक के शिष्य से अर्थात् उनकी शिक्षाओं का अनुसरण करने वालों से है। 15वीं शताब्दी में भारत के उत्तर-पश्चिमी पंजाब प्रांत में गुरु नानक देव ने जिस धर्म की शुरुआत की थी आज दुनिया भर में उन सिखों की आबादी 2.5 करोड़ है। जिसमें से 83% सिख भारत और 17% सिख पूरी दुनिया में हैं, इसके अलावा पूरी दुनिया में लगभग 12 से 15 करोड़ लोग हैं जो गुरु ग्रंथ साहिब पर भरोसा करते हैं और सिख गुरुओं को मानते हैं। शायद यही वजह है कि कनाडा, अमेरिका, लंदन, ऑस्ट्रेलिया जैसे तमाम देशों में सिखों का दबदबा है और दुनिया के तमाम बड़े देशों में इनके गुरुद्वारे हैं। गुरु नानक जयंती के इस खास मौके पर जानते हैं भारत के बाहर बने तमाम बड़े गुरुद्वारे और उन सिखों के बारे में जो दुनिया के सबसे बड़े देशों की राजनीति में शामिल हैं।

कनाडा के रक्षामंत्री हैं होशियारपुर के गांव में जन्मे हरजीत सिंह

हरजीत सिंह सज्जन (49 वर्ष)

पंजाब के होशियारपुर में बंबेली गांव में जन्मे हरजीत सिंह 1989 में कनाडा की सेना में शामिल हुए थे। उन्हें ऑर्डर ऑफ मिलिट्री मेरिट का अवार्ड मिला और बाद में हरजीत कैनेडियन आर्मी में ब्रिटिश कोलंबिया रेजीमेंट की कमान संभालने वाले पहले सिख अधिकारी बने। साल 2015 में वे कनाडा के सांसद चुने गए और रक्षामंत्री के पद पर तैनात हुए। कनाडा की राजनीति में इनका बड़ा दखल है।

निम्रत रंधावा अब निक्की हेली, अमेरिका में दो बार गवर्नर और यूएन में राजदूत रहीं

निक्की हेली (48 वर्ष)

निक्की हेली के बचपन का नाम निम्रत रंधावा है। वे सिख माता-पिता अजित सिंह रंधावा और राज कौर की बेटी हैं, इनके पूर्वज अमृतसर से आकर अमेरिका में बसे थे। दक्षिण कैरोलिना से दो बार गवर्नर रहीं हेली किसी भी राष्ट्रपति प्रशासन में पहली कैबिनेट रैंकिंग भारतीय अमेरिकी थीं। वे 2017 से 2018 तक संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत रहीं।

दिल्ली के कंवलजीत न्यूजीलैंड में पहले भारतीय सांसद, हिंदी में ली शपथ

कंवलजीत सिंह बख्शी (56 वर्ष)

दिल्ली में जन्मे कंवलजीत सिंह न्यूजीलैंड में सांसद का पद संभालने वाले पहले भारतीय और पहले सिख थे। न्यूजीलैंड में 2017 में ऐसा पहली बार हुआ था जब एक सिख मार्केटिंग मैनेजर ने हिंदी में सांसद पद की शपथ ली। कंवलजीत न्यूजीलैंड की संसद में सेलेक्ट कमेटी ऑन लॉ एंड ऑर्डर के चेयरपर्सन और कमेटी ऑन कॉमर्स के मेंबर हैं।

ब्रिटेन के पहले पगड़ी वाले सिख सांसद हैं तनमनजीत , रेलवे के भी शैडो मिनिस्टर

तनमनजीत सिंह ढेसी (42 वर्ष)

तनमनजीत सिंह बख्शी यूनाइटेड किंगडम (यूके) की स्लाओ सीट से 2017 में लेबर पार्टी के सांसद चुने गए। वह ब्रिटेन के पहले पगड़ी वाले सिख सांसद हैं। ब्रिटेन की एक कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक तनमनजीत के पिता जसपाल सिंह ढेसी वहां के सबसे बड़े गुरुद्वारे गुरु नानक दरबार के प्रेसिडेंट रह चुके हैं। लेबर पार्टी ने उन्हें रेलवे शैडो मिनिस्टर बनाया है। ब्रिटेन में विपक्षी दल शैडो मिनिस्टर बनाने की परंपरा है। इस शैडो कैबिनेट का प्रमुख ही सदन में विपक्ष का नेता होता है।

भारत में ही चार साल तक ऑस्ट्रेलिया की उच्चायुक्त रहीं भारतीय मूल की हरिंदर सिद्धू

हरिंदर सिद्धू (53 वर्ष)

हरिंदर सिद्धू के पूर्वज पंजाब के रहने वाले थे। वे कई पीढ़ियों पहले सिंगापुर में बस गए, मगर हरिंदर के माता-पिता ऑस्ट्रेलिया चले आए। वे पूर्व राजनयिक पीटर वर्गीज के बाद वह ऐसी दूसरी भारतवंशी हैं जो भारत में ऑस्ट्रेलिया के लिए उच्चायुक्त रहीं। 2016 से 2020 के शुरुआत तक भारत में उच्चायुक्त रहने से पहले सिद्धू मास्को और दमिश्क में सेवाएं दे चुकीं हैं। सिद्धू का कहना है कि उन्हें अपने भारतीय मूल पर गर्व है। उनके परिवार ने हमेशा अपनी भारतीय पहचान को बनाए रखा है। हरिंदर 1999 से 2004 के बीच ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री की रक्षा और राजकोष मामलों की सलाहकार भी रही हैं।

ब्रिटेन की संसद तक पहुंचने वाली पहली सिख महिला हैं प्रीत कौर, जलंधर में हैं जड़ें

प्रीत कौर गिल (47 वर्ष)

प्रीत कौर ब्रिटेन में सासंद बनने वाली पहली सिख महिला हैं। यों तो उनका जन्म और परवरिश ब्रिटेन में ही हुई, मगर उनका परिवार मूल रूप से पंजाब के जलंधर का रहना वाला है। प्रीत के पिता दलजीत सिंह शेरगिल फोरमैन थे। वे बस ड्राइवर भी रहे। प्रीत ब्रिटिश संसद की बेहद प्रभावशाली संसदीय समिति की सदस्य हैं जो गृहमंत्रालय के काम की समीक्षा करती है। वे लेबर पार्टी की ओर से अंतरराष्ट्रीय विकास मामलों की शैडो मंत्री हैं।

कनाडा की लोकसभा में सरकार की नेता बनने वाली पहली महिला बर्दिश चग्गर

बर्दिश चग्गर (40 वर्ष)

साल 2016 में भारतीय मूल की कनाडाई सांसद बर्दिश चग्गर कनाडा के हाउस ऑफ कामन्स (लोकसभा) में नई सरकार की नेता हैं। कनाडा में इस पद पर पहुंचने वाली वे पहली महिला हैं। इसके साथ ही उन्हें लघु व्यापार एवं पर्यटन मंत्री भी बनाया गया था। वे फिलहाल विविधता और समावेश और युवा मंत्री हैं। उनके पिता गुरमिंदर चग्गर 70 के दशक में पंजाब से कनाडा में बस गए थे।

दुबई से लेकर ब्रिटेन और कनाडा में शानदार गुरुद्वारे

  • करतारपुर पाकिस्तानः गुरु नानक देव जी ने परिवार के साथ जीवन के अंतिम करीब साढ़े 17 साल परिवार के साथ यहीं गुजारे थे। इस गुरुद्वारे में गुरु नानक देव जी की कब्र और समाधि दोनों बनी हुई है।
  • गरु नानक दरबार, दुबईः गुरु नानक दरबार साहिब दुबई का पहला और खाड़ी देशों का सबसे बड़ा गुरुद्वारा । इस गुरुद्वारे का निर्माण 50,000 से अधिक सिखों ने मिलकर किया था। इटालियन मार्बल से बने इस गुरुद्वारे में फाइव स्टार किचन है।
  • डेरा साहिब, लाहौरः कहा जाता है कि गुरु अर्जुन देव जी यहां रावी नदी में विलुप्त हो गए थे। महाराजा रंजीत सिंह ने यहां एक छोटा, खूबसूरत सा गुरुद्वारा बनवाया और 1909 में इसे बढ़ाया गया।

ननकाना साहिब, पाकिस्तानः पाकिस्तान के ननकाना साहिब जिले में बना यह गुरुद्वारा गुरु नानक का जन्मस्थल है। इसका पुराना नाम राय-भोई-दी-तलवंडी था।

श्री गुरु सिंह सभा, लंदनः साउथ हॉल में बने इस गुरुद्वारे में 3,000 लोगों के बैठने की क्षमता है। यहां एक डाइनिंग हॉल और एक कम्युनिटी सेंटर भी है। यह ब्रिटेन का सबसे बड़ा गुरुद्वारा है।

गुरुद्वारा पंजा साहिब पाकिस्तानः अब्दल हसन में बने इस गुरुद्वारे में गुरु नानक जी के पंजे का निशान है। गुरु नानक देव ने यहां किसी लड़ाई के दौरान एक चट्टान को अपने हाथ से रोका था और उनके हाथ की छाप पत्थर पर पड़ गई थी।

ओंटारियो खालसा दरबार, कनाडाः यह कनाडा का सबसे बड़ा गुरुद्वारा है। यहां हर रोज 3,000 से ज्यादा लोगों को लंगर खिलाया जाता है।

गरु नानक दरबार गुरुद्वारा केंट, इंग्लैंड : ग्रेवसेंड शहर में स्थित गुरु नानक दरबार गुरुद्वारा ब्रिटेन के सबसे बड़े गुरुद्वारे में से एक है। इसे बनाने में आठ साल का समय लगा था। इस गुरुद्वारे में एक साथ 1200 लोग बैठ सकते हैं।

गुरुद्वारा रोरी साहिब, पाकिस्तानः एमिनाबाद में बने गुरुद्वारा रोरी साहिब के बारे में कहा जाता है कि 1521 में जब बाबर अपनी सेना से साथ यहां आया था और गुरु नानक देव को हिरासत में लिया था उस वक्त वे जिस पत्थर पर बैठे थे, यह गुरुद्वारा उसी पत्थर के ऊपर बना है।

गुरुद्वारा साहिब, अमेरिकाः यह अमेरिका का सबसे बड़ा गुरुद्वारा है। इसकी स्थापना 1985 में सैन होज़े, कैलिफोर्निया में सांता क्लारा वैली सिख समुदाय ने की थी।

गुरु नानक के बाद सिखों के एक से बढ़कर एक गुरु



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
Guru Nanak Jayanti, Sikhs in prominent positions in world, Major Sikh Gurudwaras in world, 10 Sikh Gurus and their contribution


from Dainik Bhaskar /national/news/guru-nanak-jayanti-not-only-in-india-gurdwaras-all-over-the-world-sikhs-in-prominent-positions-all-over-world-sikh-canadian-defense-ministers-and-some-new-zealand-mps-127961148.html

Comments

Popular posts from this blog

मॉर्निंग न्यूज ब्रीफ:उदयपुर की तरह अमरावती में भी नूपुर शर्मा सपोर्टर का गला काटा; कप्तान बुमराह का पहले ही टेस्ट में वर्ल्ड रिकॉर्ड https://ift.tt/97tcPEf

from देश | दैनिक भास्कर https://ift.tt/N0FOEMb

Ranji Final Live: Wadkar Solid But Vidarbha Face Daunting Task vs Mumbai

MUM vs VID, Ranji Trophy Final Day 5 Live Updates : Vidarbha showed grit and resilience to push the Ranji Trophy final into the fifth and final day, reaching 248 for five in an improbable chase of 538 runs at the Wankhede Stadium. At Stumps, Akshay Wadkar (56*) and Harsh Dubey (11*) remained unbeaten at the crease. Mumbai star batter Shreyas Iyer will take the field on Thursday after back trouble kept him out of action on the penultimate day. Mumbai are five wickets away from clinching a record-extending 42nd Ranji Trophy title. Here are the Live Updates of Day 5 of the Ranji Trophy final between Mumbai and Vidarbha from NDTV Sports-Cricket https://ift.tt/8ENzoqZ

7 खिलाड़ी जो IPL ऑक्शन में पा सकते हैं 10:वार्नर अय्यर पर रहेगी सभी टीमों की नजर, शार्दूल और होल्डर हो सकते हैं सरप्राइज पैकेज https://ift.tt/9Nrius1

from स्पोर्ट्स | दैनिक भास्कर https://ift.tt/Q3SgcKe