हैरिटेज सिटी चित्तौड़गढ के रेलवे जंक्शन पर साढे छह करोड़ से वीआईपी लांज बनेगा। केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय के इस प्रोजेक्ट को रेलवे से अनुमति मिलने के बाद जगह भी तय कर दी है। वास्तुकार इसे इस तरह डिजाइन करेंगे कि ठहरने वाले पर्यटक दुर्ग को सामने ही देखेंगे।
रेलवे बोर्ड ने इंडियन रेलवे स्टेशन डवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड के निर्देशन में चित्तौड़गढ़ स्टेशन लिए पर ये प्राेजेक्ट मंजूर किया है। प्रदेश में अब तक जयपुर, अजमेर, जोधपुर, कोटा, उदयपुर जैसे बड़े शहर के स्टेशनों पर ही ऐसे वीआईपी लांज है। जहां हर श्रेणी के रेलवे यात्रियों के लिए उनकी श्रेणी के अनुरूप रुकने, ठहरने की ऐसी वातानुकूलित व्यवस्था है। अब चित्तौड़गढ़ पहला जिला मुख्यालय भी इस श्रेणी में शामिल हो जाएगा। प्रोजेक्ट लंबे समय से रेलवे और पर्यटन मंत्रालय में विचाराधीन था। सांसद सीपी जोशी भी पिछले कार्यकाल में इसके लिए रेल मंत्री से मिल चुके थे। अब इसे मंजूरी मिल गई। पीपीपी मोड पर बनने वाले भवन पर कुल साढे छह करोड खर्च होंगे। आधी राशि रेलवे बोर्ड व आधी पर्यटन मंत्रालय खर्च करेगा। दो दिन पहले रतलाम रेल मंडल प्रबंधक वीनित गुप्ता ने भी यहां चिन्न्हित स्थल काे देखा। कार्य एजेंसी रेलवे ही होगी। जो जल्द टेंडर करने वाली है। भवन अगले दो साल में बनकर तैयार होगा। निर्देशन एआईआरटीसी करेगी।
जानिये, चित्तौड़गढ़ जैसे जिला स्टेशन पर क्यों मिली इस सुविधा की मंजूरी
चित्तौड़गढ़ जंक्शन रेवेन्यू के लिहाज से रतलाम मंडल का दूसरा सबसे अहम स्टेशन है। लॉकडाउन से पहले तक प्रतिदिन औसत 30 जोडी ट्रेनों से साढे पांच हजार यात्रियों का आगमन होता था। विश्वविरासत फोर्ट के कारण बरसों से शाही ट्रेन पैलेस आन व्हील्स का संचालन हो रहा है। रेलवे के चार मंडल या एरिये क्रमश: रतलाम, कोटा, अजमेर, गुजरात को कनेक्ट करने वाला जंक्शन है। शाही ट्रेन के पर्यटक दुर्ग भ्रमण के बाद वापस स्टेशन पर आकर ट्रेन में ही रात्रि ठहराव करते हैं। अब वे भी चाहे तो इस लांज में स्टे कर सकेंगे। अन्य ट्रेनों के अारक्षित यात्री भी समय से पहले आ जाएं या उनकी दूसरी ट्रेन में विलंब हैं तो उन्हें अपने स्तर के अनुरूप बैठने या ठहरने की सुविधा मिले। चित्तौड़गढ़ औद्योगिक क्षेत्र भी है। इलेक्ट्रिफिकेशन के बाद ट्रेन और यात्रियों की संख्या और बढ़ेगी। इन सभी पहुलूओं को ध्यान में रखते हुए यहां वीआईपी लाॅज की मंजूरी दी गई। इससे रेलवे को आय भी होगी।
विशेष डिजाइन का होगा
अधिकारियों की माने तो राजस्थान व मालवा में अभी का सबसे बेहतरीन वीआईपी लांज चित्तौड़गढ़ स्टेशन पर बनेगा। जगह तय होने के बाद आर्किटेक्ट उसे इस तरह डिजाइन करेंगे कि ठहरने वाले यात्रियों को किला सामने से दिख सके। वीआईपी लांज में फोटो गैलेरी, फड चित्रकारी आदि से यहां के इतिहास व संस्कृति की झलक भी दिखेगी।
43 गुणा 18 मीटर आकार में ग्राउंड फ्लोर के बाद दो मंजिला होगा, एटीएम और मेडिकल सहित कई सुविधाएं मिलेगी
दो मंजिला वीआईपी लांज 43 मीटर लंबा व 18 मीटर चौडा होगा। ग्राउंड, फर्स्ट, सैकंड फलोर होगा। बडे एरिये में वीआईपी लांज के साथ सभी श्रेणियों के यात्रियों के लिए वेटिंग और रिटायरिंग रूम होंगे। दिव्यांग, महिला नवजात शिशु, वरिष्ठों के लिए अलग से सुविधाएं होगी। यात्रियों के सामान रखने के लिए ट्रे व ट्राली रहेगी। अलग अलग टायलेट ब्लाक्स व ड्रिंकिंग वाटर सिस्टम होगी। एटीएम ब्लाक्स व इंटरनेट सुविधा मिल सकेगी। हैल्प काउंटर भी होगा। चिकित्सा व्यवस्थाएं रहेगी।
आरएमएस के पास पुराने भवन ढहाकर बनेगा यह भवन
वीआईपी लांज प्लेटफार्म नंबर एक पर आरएमएस पोस्ट ऑफिस व पार्सल गोदाम के पास बनेगा। पुराना बिजली ऑफिस का एरिया भी इसमें शामिल होगा। वर्तमान में यहां चल रहे ऑफिस दूसरी जगह शिफट होंगे। असल में ये स्टेशन का सेंटर पोइंट है, जहां से दोनों मुख्य प्रवेश द्वार की कनेक्टीविटी होगी। अन्य प्लेटफार्म पर जाने का पुल भी यही है। वीआईपी लांच जी प्लस टू की तर्ज पर आरसीसी व काॅलम ब्लाॅक्स पर आधारित होगा। स्ट्रक्चर ऐसे होगा कि भविष्य में ऊपरी मंजिल भी बन सके।
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