अक्टूबर में जब रवी का पानी तय हुआ था उस वक्त मौजूदा पानी के आधार पर ही किसानों को तीन और चार समूह में बारी नहीं मिली थी। अभियंताओं ने संभावित 25% अतिरिक्त पानी की आवक को देखते हुए ही 7 बारी पानी दिया था लेकिन हालात इतने विकट हो गए कि 25 के बजाय अब तक सिर्फ 3% ही अतिरिक्त पानी मिला है।
ऐसे में पश्चिमी राजस्थान में तीन समूह की बजाय चार समूह में पानी की मांग तेज होने लगी है। जबकि कम पानी की आवक के कारण वर्तमान में मौजूदा तीन समूह की बारी में ही पानी देना मुश्किल हो रहा है। फिलहाल पोंग डैम का जलस्तर 1360 फीट के करीब आ गया है। पानी की आवक सिर्फ 1700 क्यूसेक हो रही है।
प्रतिदिन निकासी 11000 क्यूसेक पानी पोंग डैम से बाहर हो रहा है। ऐसे में मार्च तक किसानों को सिंचाई का पानी और जून तक पश्चिमी राजस्थान के 9 जिलों को पीने के पानी के देने के भी लाले पड़ते दिखाई दे रहे हैं राहत की खबर सिर्फ इतनी है कि पहाड़ों पर बर्फ अच्छी जम रही है।
फरवरी के बाद जब बर्फ पिक लेगी तो उम्मीद है कि पानी की आवक बढ़ेगी और पश्चिमी राजस्थान को प्यासा नहीं रहना पड़ेगा। अभियंताओं को चिंता है कि जो किसान पानी की स्थिति नहीं समझ रहे हैं और वह ऐसे में चार बारीकी पानी मांग कर रहे हैं उनको कैसे समझाया जाए क्योंकि अभी हालात तीन समूह की बारी में पानी देना ही मुश्किल होने वाले है।
जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता विनोद मित्तल का कहना है कि जब साथ बारीपानी तय किया था उस वक्त सात बारी का पानी नहीं था लेकिन 25% अतिरिक्त पानी की संभावना को देखते हुए बारी तय की थी। लेकिन अब तक 3% ही पानी अतिरिक्त मिला। बावजूद इसके हम तीन बारी के पानी का इंतजाम कर रहे हैं चार बारी में इस वक्त पानी देने की कोई संभावना दूर-दूर तक नहीं है।
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