Skip to main content

8 माह बाद फिर दौड़ेंगी अनुबंधित बसें, रोडवेज मुख्यालय ने फिर शुरू की बस सारथी योजना

कोरोना काल को 8 माह होने को आए,लेकिन अभी यात्रियों को यात्रा करने के लिए विभिन्न मार्गों पर पर्याप्त बसें नहीं मिल रही है। ऐसे में यात्रियों को प्राइवेट या निजी साधनों के भरोसे यात्रा करनी पड़ रही है, लेकिन अब जल्द ही यात्रियों की यह परेशानी दूर होने वाली है। राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम आठ माह बाद फिर से बस सारथी योजना शुरू करने जा रही है।

त्योहारी व शादी के सीजन और निगम में अपर्याप्त परिचालकों को देखते हुए अपना निर्णय बदला है और नियमों मे बदलाव करते हुए एक बार फिर बस सारथी योजना शुरू की है। परिचालकों की नियुक्ति आगार प्रबंधक ही करेंगे और सारथी वॉल्वो बसों को छोड़कर अनुबंधित बसों में भी चल सकेंगे।

झालावाड़ आगार में 156 परिचालकों के स्थान पर मात्र 70 ही परिचालक है। परिचालक नहीं होने से बसें मार्ग पर नहीं चल रही है। लेकिन नवंबर में त्योहार व शादी के सीजन में यात्रीभार बढ़ने की उम्मीद को देखते हुए बसों के संचालन में बढ़ोतरी की जाएगी। उन बसों में परिचालकों की कमी को पूरा करने के लिए बस सारथी योजना को शुरू किया जा रहा है।

5% वृद्धि के साथ तय होगा लक्ष्य: इस बार आगारीय लक्ष्य निर्धारित समिति अक्टूबर के शिड्यूल के वास्तविक अर्जित यात्रीभार 5 प्रतिशत की वृद्धि कर निर्धारित किया जाएगा। वहीं जिन शिड्यूल पर अक्टूबर माह में वाहनों का संचालन नहीं किया जा रहा था, उन शिड्यूल के लिए मार्च के वास्तविक अर्जित यात्रीभार में 5 प्रतिशत की वृद्धि कर लक्ष्य निर्धारित किया जाएगा। परिचालकों को नियुक्त करने की जिम्मेदारी आगार के मुख्य प्रबंधकों को दी गई है।

परिचालक लाइसेंस होना अनिवार्य: अब नियुक्त होने वाले बस सारथी को गत माह के अर्जित हुए यात्रीभार पर पांच प्रतिशत वृद्धि करते हुए यात्रीभार का लक्ष्य दिया जाएगा। बस सारथी योजना के तहत कोई भी व्यक्ति जिसके पास परिचालक लाइसेंस हो, वह रोडवेज बस में परिचालक का कार्य कर सकता है। इस योजना से केवल वॉल्वो बसों को अलग रखा गया है।

11 हजार रुपए का मिलेगा मानदेय: बस सारथी योजना के तहत नियुक्त परिचालक को प्रति माह 11 हजार रुपए वेतन दिया जाएगा। पूर्व में परिचालकों को कम राजस्व देने वाले रूटों पर लगा दिया जाता था। उन रूट पर आय के तय किए गए लक्ष्य को पूरा नहीं करने पर परिचालक के वेतन से कटौती की जाती थी, लेकिन इस बार 70 प्रतिशत से अधिक राजस्व देने वाले मार्गों पर भी परिचालकों को भेजा जाएगा। योजना के तहत परिचालक बनने के लिए व्यक्ति को ईटीएम मशीन व अमानत राशि के रूप में 30 हजार रुपए की राशि जमा करवानी होगी।

झालावाड़ डिपो में यह परेशानी: झालावाड़ डिपो में मुख्य प्रबंधक का पद रिक्त चल रहा है, जिस एकाउंटेंट को चार्ज दिया वह भी छुट्टी पर चले गए है। अन्य को चार्ज दिया गया है। ऐसे में सारथी योजना की प्रक्रिया सारथी की नियुक्त कौन करेगा, इसको लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

सरकार ने कंडक्टर की कमी को देखते हुए बस सारथी को बुलाने के निर्देश दिए हैं। जिन डिपो में कंडक्टर की कमी है उनसे जानकारी मांगी गई है।
सुधीर भाटी, पीआरओ रोडवेज



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
Contracted buses will run again after 8 months, Roadways headquarters resumes bus charioteer scheme


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3eaOXQa

Comments