वन विभाग में तबादलों को लेकर गुरुवार को तब एकाएक भूचाल आ गया, जब हेड ऑफ द फॉरेस्ट को फेयरवेल दिया जा रहा था। दोपहर 3 बजे अरण्य भवन में जैसे ही हॉफ जीवी रेड्डी की फेयरवेल पार्टी पूरी हुई कि तभी वनमंत्री सुखराम विश्नोई का एक पत्र आ गया। इसमें विश्नोई ने लिखा कि प्रदेश में पंचायत चुनाव के चलते आदर्श आचार संहिता लागू है।
ऐसी स्थिति में ‘बदनीयती’ से हॉफ और उपवन संरक्षक (संस्थापन) ने तबादले किए, जो राज्य सरकार के स्टैंडिंग ऑर्डर के विरुद्ध हैं। इन्हें निरस्त किया जाता है। रेड्डी ने पत्र में लिखे ‘बदनीयती’ शब्द पर घोर आपत्ति जताई। हालांकि, देर शाम 60 से ज्यादा तबादले निरस्त करने का आदेश जारी कर दिया गया।
तबादलों पर सवाल उठा चुका है भास्कर
बिना मंजूरी लिए ही कर दिए तबादले : वन मंत्री
- आचार संहिता में बिना मंजूरी और ध्यान में लाए बगैर तबादले किए गए, इसलिए इन्हें निरस्त करने के लिए लिखा है। - सुखराम विश्नोई, वन मंत्री
तबादले करना अधिकार क्षेत्र में था : रेड्डी
- आचार संहिता से 1 दिन पहले तबादले किए थे, जो हॉफ के अधिकार क्षेत्र में है। मंत्री जी का "बदनीयती' कहना ठीक नहीं। - जीवी रेड्डी
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