अधीनस्थ अदालत द्वारा जारी किए गए गिरफ्तारी वारंट के खिलाफ विधायक इंदिरा बावरी व पुखराज गर्ग ने राजस्थान हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र पेश किया। जस्टिस पीएस भाटी ने प्रार्थना पत्र खारिज करते हुए अग्रिम जमानत देने से तो इनकार कर दिया, लेकिन ट्रायल कोर्ट के समक्ष सरेंडर कर नियमित जमानत प्रार्थना पत्र पेश करने की छूट दी। उन्हें 12 अक्टूबर तक पेश हाेने के आदेश दिए गए हैं।
साथ ही ट्रायल कोर्ट को उसी दिन प्रार्थना पत्र निस्तारित करने के निर्देश दिए। गर्ग भोपालगढ़ व बावरी मेड़ता विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। मामले के अनुसार नागौर में पिछले साल ताउसर में सरकारी जमीन से कब्जा हटाने के दौरान सभा करने तथा पथराव में एक जेसीबी चालक की मृत्यु होने पर पुलिस ने इन दोनों विधायकों के साथ अन्य आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। कोर्ट ने दोनों आरोपियों को चालान पेश करने के दौरान कोर्ट के समक्ष उपस्थित होने के निर्देश दिए थे, इसके बावजूद वे चालान के पेश नहीं हुए।
इस पर अधीनस्थ अदालत ने इन दोनों विधायकों को गिरफ्तारी वारंट के जरिए कोर्ट में तलब करने के आदेश दिए। गिरफ्तारी वारंट के खिलाफ दाेनों विधायकों की ओर से सीआरपीसी की धारा 438 के तहत अग्रिम जमानत के लिए प्रार्थना पत्र पेश किया गया। बावरी व गर्ग की ओर से हाईकोर्ट के समक्ष तर्क दिया गया कि दोनों विधायक कोराेना संक्रमित थे, इसलिए अधीनस्थ अदालत के समक्ष निर्धारित तारीख को पेश नहीं हो पाए।
इस पर उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया गया। धारा 41 ए के तहत नोटिस जारी कर विधायकों की गिरफ्तारी की जरूरत नहीं है। हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत देने का आग्रह किया। सरकार की ओर से पेश हुए अधिवक्ता जावेद गौरी ने जमानत का विरोध किया। हाईकोर्ट के न्यायाधीश डॉ. भाटी ने दोनों पक्ष सुनने के बाद अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया।
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