अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पूर्व सचिव एवं पूर्व सांसद ताराचंद भगोरा ने मंगलवार को बयान जारी कर भाजपा पर हाईवे पर हुई हिंसा के राजनीतिकरण के आरोप लगाए है। उन्हाेंने पूरे घटनाक्रम में बाहरी लाेगाें की अाेर से हाईवे पर हिंसा फैलाने की बात कही। भगोरा ने कहा कि भाजपा और उनके नेता सारे घटनाक्रम में झूठी वाहवाही लूटने के लिए राज्य सरकार पर आरोप लगा रहे है। गहलोत सरकार ने पूरी संवेदनशीलता और गंभीरता बररते हुए हिंसा पर नियंत्रण पाया है। हिंसा में आमजन के हुए नुकसान का आंकलन कर मुआवजा दिलाने के लिए सरकार से बात करेंगे। शिक्षक भर्ती 2018 में जो पद रिक्त रहें, उन पर जनजाति अभ्यर्थियों की नियुक्ति की मांग की जा रही थी। अचानक हाईवे पर आंदोलन उग्र होकर हिंसा में बदल गया। भगोरा ने बताया कि अभ्यर्थियों की मांग को लेकर राज्य सरकार के स्तर पर वार्ता के लिए कमेटी बनाई गई थी। कुछ कारणों से बैठक नहीं हो सकी। ऐसे में धरनार्थियों ने हाईवे पर उतरकर आंदोलन
शुरू कर दिया। पूरे घटनाक्रम में बाहरी प्रांतों के असामाजिक तत्व शामिल हो गए और हिंसा को अंजाम दिया। हिंसा, आगजनी, लूटपाट में बाहरी लोगों का हाथ है और यह पुलिस और प्रशासन के लिए जांच का विषय है, पुलिस और प्रशासन पूरे घटनाक्रम की जांच करेंगे। हिंसा भडक़ने के बाद टीएडी मंत्री अर्जुन सिंह बामणिया, विधायक गणेश घोघरा के साथ बीटीपी के दोनों विधायकों की मुख्यमंत्री के साथ जयपुर में बैठक हुई। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पुनिया ने हिंसा को हथियार बनाकर राजनीति की और भाजपा नेताओं की टीम को भेजा। भगोरा ने कहा है कि हिंसा के दौरान हुए नुकसान का आंकलन राज्य सरकार के निर्देश पर प्रशासन द्वारा किया जा रहा है। खेरवाड़ा में हुई बैठक में वागड़ की आम जनता की सुरक्षा की जवाबदेही निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के लिए तय कर दी गई है।
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